
लखपति दीदी योजना क्या है?
लखपति दीदी योजना 2025 भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है। इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को कौशल विकास, उद्यमिता प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है ताकि वे खुद का व्यवसाय शुरू कर सकें और सालाना एक लाख रुपये या उससे अधिक की आय अर्जित कर सकें।
इस योजना की शुरुआत कब और क्यों की गई?
लखपति दीदी योजना 2025 की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2023 को लाल किले से अपने भाषण में की थी। इसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को गरीबी की रेखा से ऊपर लाकर उन्हें मजबूत बनाना है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश की दो करोड़ महिलाओं को ‘लखपति’ बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
लखपति दीदी योजना के अंतर्गत कौन-कौन लाभान्वित होंगे?
इस योजना का सीधा लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाएं उठाएंगी।
- गरीब और मध्यमवर्गीय महिलाएं
- अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग की महिलाएं
- कृषि या छोटे व्यवसायों में रुचि रखने वाली महिलाएं
- वे महिलाएं जो खुद का उद्यम शुरू करना चाहती हैं
योजना का नाम | लखपति दीदी योजना 2025 |
राज्य | उत्तराखंड |
लाभार्थी | ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं |
जारी तिथि | 15 अगस्त 2023 |
सहायता राशि | ₹1,00,000 |
आधिकारिक वेबसाइट | https://lakhpatididi.gov.in/hi |
इस योजना के मुख्य उद्देश्य क्या हैं?
लखपति दीदी योजना के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना
- महिलाओं को स्वरोजगार और व्यवसाय के अवसर देना
- कौशल विकास और प्रशिक्षण के माध्यम से उनका विकास करना
- वित्तीय सहायता और मार्केटिंग समर्थन देना
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना

इस योजना के तहत महिलाओं को कौन से क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया जाएगा?
इस योजना के तहत महिलाओं को कई क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है, जैसे:
- पशुपालन (डेयरी, बकरी पालन, मुर्गी पालन)
- मशरूम की खेती
- मधुमक्खी पालन
- सिलाई, कढ़ाई और हस्तशिल्प
- पैकेजिंग और प्रोसेसिंग (जैसे अचार, पापड़, मसाले)
- ब्यूटी पार्लर और छोटे सेवा व्यवसाय
- डिजिटल और मोबाइल मरम्मत कार्य
- जैविक खेती और बागवानी
महिलाओं को कितनी आर्थिक सहायता मिलती है?
महिलाओं को स्वयं सहायता समूह (SHG) के माध्यम से ब्याज मुक्त ऋण, प्रशिक्षण सहायता, और सरकार की ओर से ₹10,000 से ₹1,00,000 तक की सहायता दी जाती है। इसके अलावा, कुछ राज्यों में महिलाओं को सीड मनी भी प्रदान की जाती है ताकि वे अपना छोटा व्यापार शुरू कर सकें।
क्या महिलाएं आवेदन कर सकती हैं या SHG में होना जरूरी है?
लखपति दीदी योजना 2025 का लाभ उठाने के लिए महिला का किसी स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) में सदस्य होना आवश्यक है। SHG के माध्यम से ही उन्हें प्रशिक्षण, ऋण, और सरकारी सहायता प्रदान की जाती है।
इस योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया क्या है?
https://lakhpatididi.gov.in/hi
- SHG में सदस्यता: महिला को पहले किसी मान्यता प्राप्त SHG का सदस्य बनना होता है।
- बैंक लिंकेज: SHG का बैंक खाता होना आवश्यक है।
- कौशल विकास प्रशिक्षण: चयनित महिलाएं प्रशिक्षण केंद्र पर 30-60 दिन का कौशल प्रशिक्षण लेती हैं।
- प्रोजेक्ट रिपोर्ट और योजना: व्यवसाय के लिए योजना बनाई जाती है।
- ऋण या सहायता राशि: प्रशिक्षण के बाद महिला को व्यवसाय शुरू करने के लिए राशि प्रदान की जाती है।
- बाजार संपर्क और सहयोग: सरकार द्वारा मार्केटिंग, बिक्री और ब्रांडिंग में भी सहायता की जाती है।
इस योजना में कौन से सरकारी विभाग और संस्थान जुड़े हैं?
लखपति दीदी योजना का दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के तहत किया जाता है। इसके अलावा,और विभाग सहयोग करते हैं:
- ग्रामीण विकास मंत्रालय
- राज्य स्तर पर महिला और बाल विकास विभाग
- खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC)
- कृषि और पशुपालन विभाग
- बैंक और वित्तीय संस्थान
- प्रशिक्षण संस्थान और NGOs
इस योजना की सफलता के कुछ उदाहरण क्या हैं?
भारत के कई राज्यों से इसकी सफलता की कहानियाँ सामने आई हैं।
- झारखंड में महिला समूहों ने बकरी पालन और मशरूम उत्पादन से 1 लाख रुपये से अधिक सालाना आय अर्जित की।
- उत्तर प्रदेश में महिलाओं ने जैविक खाद, धूपबत्ती और मसाले बनाकर लाभ कमाया।
- छत्तीसगढ़ में महिलाएं ब्यूटी पार्लर और बेकरी यूनिट चलाकर सशक्त बनीं।
- मध्य प्रदेश में SHG महिलाओं ने पशुपालन और सिलाई से लाखों की कमाई की।
लखपति दीदी बनने के लिए महिला को किन योग्यताओं की आवश्यकता होती है?
लखपति दीदी योजना में भाग लेने के लिए निम्नलिखित योग्यताएं जरूरी हैं:
- महिला भारतीय नागरिक हो
- ग्रामीण क्षेत्र की निवासी हो
- किसी पंजीकृत SHG की सक्रिय सदस्य हो
- आयु 18 से 60 वर्ष के बीच हो
- व्यवसाय करने की इच्छुक और श्रमशील हो
- आधार और बैंक खाता अनिवार्य है
इस योजना में डिजिटल सशक्तिकरण की क्या भूमिका है?
सरकार डिजिटल इंडिया मिशन के तहत लखपति दीदी योजना से जुड़ी महिलाओं को डिजिटल कौशल भी सिखा रही है:
- ऑनलाइन भुगतान और लेन-देन की जानकारी
- मोबाइल ऐप्स के माध्यम से बिक्री और विपणन
- ऑनलाइन प्रशिक्षण और लाइव वेबिनार
- ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जोड़ना (Amazon, Flipkart, GeM आदि)
योजना से जुड़े महिला SHG को सरकार कैसे मजबूत कर रही है?
सरकार SHG को आर्थिक, तकनीकी और संस्थागत सहायता प्रदान करती है:
- प्रति SHG को ₹15,000 तक का रेवॉल्विंग फंड
- महिला सदस्यों को ₹1 लाख तक का ब्याज मुक्त लोन
- SHG सदस्यों को दैनिक प्रशिक्षण और मार्केट लिंकिंग
- ब्लॉक और जिला स्तर पर मेलों और प्रदर्शनों का आयोजन
योजना की निगरानी और मूल्यांकन कैसे किया जाता है?
योजना की निगरानी निम्नलिखित तरीकों से होती है:
- SHG की प्रगति रिपोर्ट हर महीने अपडेट होती है
- जिला और राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं
- सरकार द्वारा लखपति डैशबोर्ड तैयार किया गया है जहां हर SHG की प्रगति ट्रैक की जाती है
- वार्षिक ऑडिट और प्रभाव मूल्यांकन सर्वेक्षण किए जाते हैं
इस योजना का उद्देश्य क्या है?
लखपति दीदी योजना का दीर्घकालीन उद्देश्य निम्नलिखित है:
- भारत की ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना
- 2030 तक 3 करोड़ महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बनें
- ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजन
- महिला उद्यमिता को बढ़ावा देना
- भारत को “महिला सशक्त राष्ट्र” बनाना
निष्कर्ष:
लखपति दीदी योजना केवल एक आर्थिक योजना नहीं, बल्कि यह ग्रामीण भारत की महिलाओं की क्रांति है। यह योजना महिलाओं को न सिर्फ पैसे कमाने का साधन देती है, बल्कि उन्हें समाज में सम्मान और आत्मविश्वास भी प्रदान करती है। सरकार, समाज और स्वयं महिलाओं के सहयोग से यह योजना भारत में सच्चे महिला सशक्तिकरण की मिसाल बन सकती है।