
मुर्गी पालन योजना क्या है?
Poultry Farming Scheme 2025 एक सरकारी पहल है, जिसका उद्देश्य किसानों, ग्रामीण महिलाओं और बेरोजगार युवाओं को मुर्गी पालन के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत सरकार सब्सिडी, प्रशिक्षण, कर्ज सहायता और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करती है ताकि लोग कम लागत में मुर्गी पालन शुरू कर सकें और अच्छी आमदनी कमा सकें।
मुर्गी पालन योजना शुरू करने का उद्देश्य क्या है?
इस योजना के मुख्य उद्देश्य हैं:
- ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा करना।
- महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना।
- देश में अंडा और चिकन उत्पादन बढ़ाना।
- पोषण स्तर सुधारना और प्रोटीन की उपलब्धता बढ़ाना।
- किसानों की आय में वृद्धि करना।
- छोटे एवं सीमांत किसानों को पूरक आय का साधन देना।
मुर्गी पालन योजना का लाभ किन्हें मिलेगा?
इस योजना का लाभ मुख्य रूप से उन लोगों को मिलेगा जो:
- किसान या किसान परिवार से हैं।
- ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं।
- बेरोजगार युवा या स्वरोजगार की तलाश में हैं।
- स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups – SHG) से जुड़े हैं।
- महिलाएं, विशेष रूप से गरीब और पिछड़े वर्ग की।
योजना का नाम | मुर्गी पालन योजना |
---|---|
राज्य | बिहार |
लाभार्थी | गरीब और पिछड़े वर्ग |
सहायता राशि | ₹5 लाख |
आधिकारिक वेबसाइट | https://www.myscheme.gov.in/ |
मुर्गी पालन योजना के अंतर्गत कौन-कौन सी सुविधाएँ मिलती हैं?
योजना के तहत सरकार द्वारा निम्नलिखित सुविधाएँ दी जाती हैं:
- मुर्गी पालन प्रशिक्षण (Training Programs)
- अनुदान (Subsidy) पर पोल्ट्री शेड निर्माण
- चूजों (Chicks) और चारा (Feed) पर सब्सिडी
- बैंक ऋण (Loan) की सुविधा
- बीमा योजना (Insurance) का लाभ
- तकनीकी सहायता और पशु चिकित्सा सेवाएँ
मुर्गी पालन योजना के लिए पात्रता क्या है?
योजना के लिए पात्रता शर्तें इस प्रकार हैं:
- आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- ग्रामीण क्षेत्र का निवासी होना चाहिए।
- किसान, स्वयं सहायता समूह सदस्य, या बेरोजगार युवा होना चाहिए।
- मुर्गी पालन करने की इच्छा और क्षमता हो।
- बैंक से ऋण लेने की पात्रता (यदि ऋण चाहिए)।
- सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार अन्य शर्तें पूरी करना।
मुर्गी पालन योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
आवेदन प्रक्रिया सरल है:
- अपने राज्य के कृषि/पशुपालन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- ‘मुर्गी पालन योजना’ अनुभाग में जाएं।
- ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें या नजदीकी कृषि कार्यालय से फॉर्म प्राप्त करें।
- आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
- आवेदन जमा करें और आवेदन संख्या सुरक्षित रखें।
- बैंक से ऋण के लिए अलग से अप्लाई करें (यदि योजना में ऋण शामिल है)।
मुर्गी पालन योजना में जरूरी दस्तावेज कौन से हैं?
आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक खाता विवरण
- यदि स्वयं सहायता समूह का सदस्य है तो उसका प्रमाण पत्र

योजना के तहत कितनी सब्सिडी मिलती है?
सब्सिडी की दर राज्य और योजना के प्रकार के अनुसार अलग-अलग होती है, लेकिन सामान्यत:
- अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों को 25% से 35% तक सब्सिडी मिलती है।
- सामान्य वर्ग के लिए यह 20% से 25% के बीच होती है।
- महिला लाभार्थियों को अतिरिक्त सब्सिडी का प्रावधान भी हो सकता है।
- पोल्ट्री शेड निर्माण, चूजा खरीद, चारा आदि पर भी सब्सिडी दी जाती है।
मुर्गी पालन शुरू करने में कितनी लागत आती है?
मुर्गी पालन की लागत इस पर निर्भर करती है कि आप कितने बड़े पैमाने पर शुरू कर रहे हैं।
उदाहरण:
- 500 लेयर मुर्गियों के यूनिट के लिए लगभग ₹3 से ₹5 लाख तक की लागत आती है।
- छोटे स्तर (100-200 मुर्गियाँ) के लिए ₹50,000 से ₹1 लाख में भी व्यवसाय शुरू किया जा सकता है।
- इसमें पोल्ट्री शेड, चूजों की खरीद, चारा, टीकाकरण और अन्य खर्चे शामिल होते हैं।
मुर्गी पालन से कितनी कमाई हो सकती है?
कमाई उत्पादन, बिक्री मूल्य और रखरखाव लागत पर निर्भर करती है।
- एक लेयर मुर्गी सालभर में लगभग 250-300 अंडे देती है।
- प्रति अंडे की कीमत ₹5-₹7 तक हो सकती है।
- अगर आप 500 मुर्गियाँ पालते हैं, तो सालाना लाखों रुपये की आमदनी संभव है।
- ब्रॉयलर (मांस के लिए) मुर्गियों में 45 दिनों में एक बैच तैयार होता है, जिससे अच्छा लाभ होता है।
मुर्गी पालन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
मुर्गी पालन में सफल होने के लिए जरूरी बातें:
- साफ-सफाई और उचित वेंटिलेशन का ध्यान रखें।
- समय-समय पर टीकाकरण (Vaccination) कराएं।
- पौष्टिक चारा दें और पानी की व्यवस्था सही रखें।
- बीमारियों की समय रहते पहचान और इलाज कराएं।
- बाजार का सही विश्लेषण करें और उत्पाद की अच्छी कीमत पाएं।
- सरकारी नियमों और लाइसेंसिंग का पालन करें।
मुर्गी पालन योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण कहाँ मिलता है?
सरकार द्वारा विभिन्न संस्थानों और केंद्रों पर मुर्गी पालन का निःशुल्क या रियायती दर पर प्रशिक्षण दिया जाता है, जैसे:
- राज्य पशुपालन विभाग द्वारा आयोजित शिविर।
- कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम।
- राष्ट्रीय पोल्ट्री प्रशिक्षण संस्थान (NPPTI) द्वारा विशेष पाठ्यक्रम।
- स्वयं सहायता समूहों के लिए विशेष कार्यशालाएँ।
क्या महिलाएं भी मुर्गी पालन योजना में भाग ले सकती हैं?
जी हाँ, महिलाओं को इस योजना में विशेष प्राथमिकता दी जाती है।
महिला स्वयं सहायता समूहों को अलग से प्रोत्साहन मिलता है।
महिलाओं को उच्च सब्सिडी, सरल ऋण सुविधा और प्रशिक्षण में प्राथमिकता दी जाती है ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।
अगर बैंक ऋण चाहिए तो क्या प्रक्रिया है?
बैंक ऋण के लिए प्रक्रिया इस प्रकार है:
- नजदीकी राष्ट्रीयकृत बैंक या ग्रामीण बैंक से संपर्क करें।
- मुर्गी पालन परियोजना रिपोर्ट तैयार करें (सरकार की मदद से या निजी रूप से)।
- आवेदन पत्र और आवश्यक दस्तावेज बैंक में जमा करें।
- बैंक द्वारा आवेदन का मूल्यांकन किया जाएगा और ऋण स्वीकृति के बाद राशि खाते में जमा की जाएगी।
निष्कर्ष
मुर्गी पालन योजना एक बेहतरीन अवसर है उन लोगों के लिए जो कम पूंजी में अच्छा व्यवसाय करना चाहते हैं। यह योजना सिर्फ एक व्यवसाय का अवसर नहीं देती, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में भी योगदान देती है। यदि आप भी इस क्षेत्र में कदम रखना चाहते हैं, तो आज ही योजना का लाभ उठाइए और अपने सपनों को उड़ान दीजिए।
नोट:
हर राज्य में मुर्गी पालन योजना की शर्तें और सब्सिडी दरें अलग हो सकती हैं। इसलिए आवेदन करने से पहले संबंधित राज्य की आधिकारिक जानकारी जरूर पढ़ें।