PM-KISAN योजना किसे कहते हैं और इसका उद्देश्य क्या है?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना भारत सरकार की एक पहल है, जिसका मकसद छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है इस योजना के अंतर्गत पात्र किसानों को प्रतिवर्ष ₹6000 की राशि तीन किस्तों में दी जाती है। यह धनराशि सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है।
इस योजना की शुरुआत कब और क्यों हुई?
PM-KISAN योजना की घोषणा 1 फरवरी 2019 को केंद्रीय बजट में की गई थी और इसे 24 फरवरी 2019 को देशभर में लागू किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य खेती की लागत में किसानों की सहायता करना, उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
इस योजना के तहत किसानों को आर्थिक सहायता किस प्रकार प्रदान की जाती है?
योजना के तहत ₹6000 की वार्षिक राशि को तीन समान किस्तों में दिया जाता है:
पहली किस्त: ₹2000 (अप्रैल से जुलाई)
दूसरी किस्त: ₹2000 (अगस्त से नवंबर)
तीसरी किस्त: ₹2000 (दिसंबर से मार्च)
यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में भेजी जाती है।
पीएम-किसान योजना का लाभ पाने के लिए किन किसानों को योग्य माना जाता है?
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए निम्न प्रकार के किसान योग्य होते हैं:
छोटे और सीमांत किसान जिनके पास 2 हेक्टेयर (लगभग 5 एकड़) या उससे कम कृषि भूमि है।
किसान के पास जमीन का वैध रिकॉर्ड होना आवश्यक है।
लाभार्थी किसान का आधार कार्ड, बैंक खाता और मोबाइल नंबर अनिवार्य है।
इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए किन व्यक्तियों को अयोग्य माना जाता है?
निम्नलिखित श्रेणियों के लोग इस योजना के तहत लाभ नहीं ले सकते:
संस्थागत भूमि धारक
वर्तमान या पूर्व सरकारी पदाधिकारी
राज्य/केंद्र सरकार के सक्रिय या सेवानिवृत्त अधिकारी (ग्रुप A/B), और पेशेवर जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, आर्किटेक्ट, चार्टर्ड अकाउंटेंट आदि।
10,000 से अधिक पेंशन प्राप्त करने वाले पेंशनधारी
आयकरदाता
इस योजना में पंजीकरण के लिए आवेदन प्रक्रिया क्या है?
PM-KISAN योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया बहुत सरल है:
ऑनलाइन आवेदन:
https://pmkisan.gov.in वेबसाइट पर जाएं।

Farmers Corner में उपलब्ध ‘New Farmer Registration’ ऑप्शन पर क्लिक करें।
आधार नंबर, राज्य, जिला आदि की जानकारी भरें और आवेदन पूरा करें।
CSC केंद्र से आवेदन
इस योजना का लाभ उठाने के लिए नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में जाकर पंजीकरण किया जा सकता है।
आवश्यक दस्तावेज लेकर जाएं: आधार कार्ड, बैंक पासबुक, भूमि दस्तावेज़ आदि।
योजना के अंतर्गत अब तक कितने किसानों को लाभ मिला है?
सरकार के अनुसार, योजना के तहत अब तक लगभग 11 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ मिल चुका है और 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों के खातों में भेजी जा चुकी है। यह भारत की सबसे बड़ी किसान सहायता योजनाओं में से एक बन चुकी है।
पीएम-किसान योजना में आधार की भूमिका क्या है?
आधार कार्ड इस योजना में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है:
यह लाभार्थी की पहचान को सुनिश्चित करता है।
डुप्लीकेट आवेदन से बचाता है।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के लिए आवश्यक है।
2020 के बाद से आधार अनिवार्य कर दिया गया है। बिना आधार सत्यापन के भुगतान नहीं किया जाता।
अगर किसी किसान को किस्त नहीं मिली तो वह क्या कर सकता है?
अगर किसी किसान को उसकी किस्त नहीं मिली है तो वह निम्न कदम उठा सकता है:
PM-KISAN वेबसाइट पर जाकर “Beneficiary Status” में अपनी स्थिति जांचें।
यदि कोई त्रुटि दिखे (जैसे आधार नंबर गलत या बैंक विवरण गलत), तो CSC या कृषि विभाग से संपर्क करें।
किसी भी जानकारी या सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 155261 / 1800-115-526 पर कॉल करें
पीएम-किसान योजना की पारदर्शिता कैसे सुनिश्चित की जाती है?
योजना में पारदर्शिता के लिए निम्न उपाय किए गए हैं:
DBT प्रणाली के माध्यम से सीधा लाभार्थी के खाते में राशि भेजी जाती है।
लाभार्थी सूची पंचायत स्तर पर प्रकाशित की जाती है।
ऑनलाइन पोर्टल पर सभी जानकारी उपलब्ध है।
आधार से लिंकिंग अनिवार्य है जिससे फर्जीवाड़ा रोका जा सके।
पीएम-किसान योजना में हाल के बदलाव क्या हुए हैं?
सरकार ने 2022-23 के बजट में इस योजना की प्रभावशीलता बढ़ाने हेतु कई प्रयास किए हैं
डिजिटल किसान डेटाबेस तैयार किया जा रहा है।
ई-केवाईसी (e-KYC) अनिवार्य कर दिया गया है।
सभी नए लाभार्थियों के लिए मोबाइल नंबर और आधार लिंक बैंक अकाउंट जरूरी है।
योजना से किसानों को क्या वास्तविक लाभ हुआ है?
PM-KISAN योजना ने किसानों को कई तरह से लाभ पहुंचाया है:
बीज, खाद और कीटनाशकों की खरीद में आर्थिक मदद।
खेती की लागत को कम करने में सहायता।
आपातकालीन जरूरतों में उपयोगी धन।
आत्मनिर्भरता की भावना को प्रोत्साहन।
कई किसानों ने बताया है कि इस छोटी लेकिन निश्चित सहायता से उन्हें खेती में सुधार करने का अवसर मिला है।
इस योजना का देश की कृषि व्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा है?
PM-KISAN योजना ने देश की कृषि व्यवस्था को मजबूत करने में योगदान दिया है:
किसानों में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है।
किसान परिवार अब पहले की तुलना में बेहतर आर्थिक स्थिति में हैं
कृषि उत्पादकता में सुधार हुआ है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिला है।
अन्य राज्य योजनाओं की तुलना में यह योजना कितनी प्रभावी है?
हालांकि कई राज्य सरकारें भी किसान सहायता योजनाएं चलाती हैं, लेकिन पीएम-किसान योजना का लाभ संपूर्ण भारत के किसानों को मिलता है और यह सीधे केंद्र सरकार द्वारा संचालित होती है, जिससे इसमें समानता, पारदर्शिता और नियमितता बनी रहती है।
क्या पीएम-किसान योजना का भविष्य में विस्तार संभव है?
हां, सरकार इस योजना के दायरे को और व्यापक बना सकती है:
वर्तमान में इसमें सभी भूमिधारक किसान शामिल हैं, भविष्य में भूमिहीन किसानों के लिए भी विकल्प खुल सकता है।
किसान लगातार किस्त की राशि में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं
योजना को डिजिटल और ऑटोमैटिक बनाने की दिशा में काम हो रहा है।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना किसानों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है। यह न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि देश की कृषि व्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में भी एक मजबूत कदम है। इस योजना की सफलता इस बात से स्पष्ट है कि करोड़ों किसानों ने इसका लाभ उठाया है। यदि यह योजना और अधिक पारदर्शी व समावेशी बनाई जाती है, तो यह भारत के कृषकों के लिए और भी उपयोगी सिद्ध हो सकती है।