
यूपी गोपालक योजना क्या है?
उत्तर प्रदेश सरकार नेUP Gopalak Yojana 2025 लॉन्च की है, जिसका उद्देश्य राज्य के डेयरी फार्मर्स और पशुपालकों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत पशुधन बीमा, चारा सब्सिडी, दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण और वित्तीय अनुदान जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।
इस योजना की शुरुआत क्यों की गई?
योजना की प्रमुख उद्देश्यों में शामिल हैं:
- ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना।
- दूध उत्पादन बढ़ाना और दुग्ध उत्पादों की मांग को पूरा करना।
- किसानों और ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाना।
- आत्मनिर्भरता और स्वरोजगार को बढ़ावा देना।
- देशी नस्लों के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा देना।
किन लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा?
इस योजना का लाभ निम्नलिखित को मिलेगा:
https://updairydevelopment.gov.in/
- छोटे और सीमांत किसान।
- बेरोजगार ग्रामीण युवक-युवतियां।
- अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लोग।
- महिला उद्यमी।
- स्वयं सहायता समूह (SHG) के सदस्य।
योजना का नाम | यूपी गोपालक योजना |
---|---|
राज्य | उत्तर प्रदेश, |
लाभार्थी | अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लोग। |
योजना के लिए पात्रता | आयु 18 से 55 वर्ष के बीच हो। |
जारी तिथि | 2017 |
आधिकारिक वेबसाइट | https://updairydevelopment.gov.in/ |
यूपी गोपालक योजना की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?
योजना की प्रमुख विशेषताएं हैं:
- 5 से 10 पशुओं (गाय या भैंस) तक पालन हेतु सहायता।
- पशु खरीद पर सब्सिडी (अनुदान)।
- पशु शेड निर्माण के लिए सहायता।
- बैंकों से आसान ऋण सुविधा।
- पशुओं के लिए स्वास्थ्य सेवाएं और बीमा।
- डेयरी व्यवसाय के लिए तकनीकी मार्गदर्शन।
इस योजना के लिए पात्रता क्या है?
पात्रता शर्तें इस प्रकार हैं:
- आवेदक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी हो।
- आयु 18 से 55 वर्ष के बीच हो।
- पशुपालन का बुनियादी ज्ञान हो।
- किसी भी बैंक या वित्तीय संस्था का डिफाल्टर न हो।
- पशुओं को रखने के लिए पर्याप्त स्थान या भूमि हो।
- न्यूनतम 5 और अधिकतम 10 पशु पालन की योजना हो।
योजना के तहत कितनी वित्तीय सहायता मिलेगी?
वित्तीय सहायता के अंतर्गत:
- सामान्य वर्ग को 25% से 35% तक सब्सिडी।
- अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों को 35% से 50% तक सब्सिडी।
- पशु शेड निर्माण पर भी आंशिक अनुदान।
- शेष राशि बैंक ऋण के रूप में ली जा सकती है।

यूपी गोपालक योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
आवेदन की प्रक्रिया इस प्रकार है:
- पशुपालन विभाग, उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- ‘गोपालक योजना’ के तहत आवेदन फॉर्म डाउनलोड करें।
- फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारियां भरें।
- आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
- नजदीकी पशुपालन कार्यालय या उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में फॉर्म जमा करें।
- सत्यापन के बाद चयनित लाभार्थियों को सूचना दी जाएगी।
आवेदन करते समय किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी?
जरूरी दस्तावेज इस प्रकार हैं:
- आधार कार्ड।
- उत्तर प्रदेश का निवास प्रमाण पत्र।
- जन्म प्रमाण पत्र या शैक्षिक प्रमाण पत्र।
- बैंक खाता विवरण (आधार लिंक्ड होना चाहिए)।
- पासपोर्ट साइज फोटो।
- जमीन का दस्तावेज या किराया अनुबंध।
- जाति प्रमाण पत्र (यदि आवश्यक हो)।
- बैंक से नो ड्यूज सर्टिफिकेट (यदि संभव हो)।
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इस योजना के तहत कौन-कौन से पशु खरीदे जा सकते हैं?
इस योजना के अंतर्गत खरीदे जा सकते हैं:
- देशी गायें जैसे साहीवाल, गिर, थारपारकर, लाल सिंधी।
- उच्च दुग्ध उत्पादन वाली भैंसें जैसे मुर्रा, जाफराबादी, मेहसाना।
देशी नस्लों को प्राथमिकता दी जाती है ताकि स्थानीय नस्लों को बढ़ावा दिया जा सके।
योजना के तहत न्यूनतम कितने पशु पालने होंगे?
- न्यूनतम 5 और अधिकतम 10 गाय या भैंस का पालन अनिवार्य है।
- पशुओं का चयन लाभार्थी अपनी सुविधा के अनुसार कर सकता है।
सब्सिडी की राशि कैसे वितरित होगी?
- सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाएगी।
- यह दो चरणों में दी जा सकती है — एक किस्त पशु खरीद के बाद और दूसरी किस्त पशु शेड निर्माण के बाद।
- संबंधित अधिकारियों द्वारा सत्यापन के बाद राशि जारी की जाएगी।
क्या महिलाएं और स्वयं सहायता समूह (SHG) भी आवेदन कर सकते हैं?
हाँ!
- महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी जाती है।
- महिला स्वयं सहायता समूहों को भी समूह के रूप में आवेदन करने की सुविधा है।
- महिलाओं को अतिरिक्त सब्सिडी और प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है।
यह योजना ग्रामीण विकास में कैसे सहायक है?
यह योजना ग्रामीण विकास में निम्न तरीकों से योगदान देती है:
- किसानों और ग्रामीण परिवारों की आय में वृद्धि।
- स्वरोजगार के नए अवसर पैदा करना।
- दूध उत्पादन और पौष्टिकता में सुधार।
- स्थानीय दुग्ध संघों और डेयरी यूनियनों को मजबूत करना।
- पशुपालन से जुड़े छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देना।
क्या प्रशिक्षण की भी सुविधा दी जाती है?
हाँ।
चयनित लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें सिखाया जाता है:
- सही तरीके से पशुपालन कैसे करें।
- पशुओं को बीमारियों से कैसे बचाएं।
- दूध उत्पादन बढ़ाने के तरीके।
- डेयरी व्यवसाय प्रबंधन और विपणन तकनीक।
अगर पशु मर जाएं या बीमार हो जाएं तो क्या होगा?
- इस योजना के अंतर्गत पशुओं का बीमा अनिवार्य है।
- दुर्घटना या बीमारी से पशु मृत्यु होने पर बीमा कंपनी से मुआवजा प्राप्त किया जा सकता है।
- समय-समय पर मुफ्त टीकाकरण और स्वास्थ्य जांच भी करवाई जाती है।
ऋण चुकाने की क्या प्रक्रिया है?
- ऋण 5 से 7 वर्षों में चुकाया जा सकता है।
- बैंकों द्वारा रियायती ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है।
- कुछ बैंकों द्वारा 6 महीने से 1 वर्ष का मोरेटोरियम पीरियड भी दिया जाता है।
- दूध विक्रय से अर्जित आय से आसानी से ऋण चुकाया जा सकता है।
इस योजना के तहत डेयरी व्यवसाय का भविष्य कैसा है?
डेयरी व्यवसाय का भविष्य उज्जवल है:
- दूध और दुग्ध उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है।
- ऑर्गेनिक और A2 दूध की मांग में तेजी से वृद्धि हो रही है।
- वैल्यू एडेड प्रोडक्ट जैसे पनीर, घी, दही आदि का व्यवसाय भी बढ़ रहा है।
- निर्यात के अवसर भी तेजी से बढ़ रहे हैं।
इसलिए, छोटे स्तर से शुरुआत कर के भविष्य में बड़ा डेयरी व्यवसाय खड़ा किया जा सकता है।
निष्कर्ष
UP Gopalak Yojana 2025 ग्रामीण क्षेत्र के किसानों और युवाओं के लिए स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता का एक सुनहरा अवसर है। सरकारी सहायता, सब्सिडी और प्रशिक्षण के माध्यम से कोई भी व्यक्ति डेयरी व्यवसाय की मजबूत नींव रख सकता है। यदि आप भी पशुपालन के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो आज ही इस योजना का लाभ उठाइए!
ध्यान दें:
राज्य सरकार समय-समय पर योजना में बदलाव कर सकती है। इसलिए आवेदन से पहले आधिकारिक सूचना को अवश्य जांचें।